दीपचंद बंधु अस्पताल में डॉक्टर से मारपीट, इमरजेंसी-ओपीडी बंद -पीड़ित डॉक्टर का आरोप, शराब के नशे में था पेशेंट और परिजन -कोट खींचा, धक्का दिया, गाली-गलौच की

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , राजधानी दिल्ली के सरकारी अस्पताल में एक बार फिर डॉक्टर के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। मामला दीपचंद बंधु अस्पताल से जुड़ा है जहां सोमवार को दोपहर करीबन 4 बजे डॉक्टर के साथ परिजनों द्वारा मारपीट की बात कही जा रही है। डॉक्टरों की शिकायत है कि इस सूचना तुरंत पुलिस को दी गई लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही अस्पताल प्रशासन की ओर से भी कोई कदम नहीं उठाया गया जिसके चलते कल रात से डॉक्टरों ने स्ट्राइक करने का फैसला लिया।
क्या है मामला:
मारपीट का शिकार अस्पताल के डा. अजेंद्र प्रताप ने बताया कि कल दोपहर करीबन 4 बजे एक पेशेंट इमरजेंसी में आया जिसे हेड इंजरी थी। पेशेंट और उसके साथ मौजूद 7 से 8 लोग शराब के नशे में थे। पेशेंट को तुरंत ओटी में ले जाया गया। इस दौरान सभी परिजन ओटी में घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन किसी तरह उन्हें रोका गया और केवल एक व्यक्ति को ही आने की अनुमति दी। इसके बाद पेशेंट को जब ओटी में ले जाकर बैठने को कहा गया तो पेशेंट ने वहां मौजूद फीमेल स्टाफ के साथ बतमीजी करना शुरू कर दिया। फिर जब ट्रीटमेंट के लिए पेशेंट के सिर पर हाथ लगाया तो उसने मुझे भी गाली दी। इस पर जब मैंने उसे इलाज ना करने के लिए कहा तो वहां मौजूद परिजन ने भी बतमीजी की। साथ ही ओटी के बाहर शराब के नशे में खड़े परिजनों ने पहले मेरा कोट खींचा और फिर दीवार की तरफ धक्का दिया। जब मैं वहां से बचकर बाहर की तरफ जाने लगा तो परिजनों ने बाहर खड़े अपने दूसरे साथियों से मुझे पकड़ने को कहा और फिर मेरे साथ धक्का-मुक्की और गाली-गलौच की। इसकी शिकायत तुरंत स्थानीय पुलिस को की गई लेकिन अभी तक पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही अस्पताल प्रशासन की ओर से भी कोई कदम नहीं उठाया गया। इसे लेकर कल रात को हड़ताल की घोषणा की गई। फिलहाल अस्पताल में इमरजेंसी से लेकर ओपीडी, ओटी तक सब बंद है। डा. प्रताप का कहना है कि अस्पताल में आए दिन डॉक्टरों के साथ ऐसी घटनाएं घटती हैं लेकिन ना तो पुलिस और ना ही अस्पताल प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करता है। अब हमारी मांग है कि जब तक डॉक्टरों को सुरक्षा नहीं मिलती, तब तक अस्पताल में हड़ताल जारी रहेगी।
नहीं मिला निदान:
प्रसूता सीमा को प्रसव पीड़ा के बाद यहां लाया गया, उसके पति रोहित ने कहा डाक्टर हड़ताल पर है, इस वजह से हमें सुरक्षा गार्ड ने दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दिया। उसकी तरह ही यहां ओपीडी और आईओपीडी में 200 से अधिक मरीजोंको इलाज व प्राथमिक उपचार के बिना ही लौटना पड़ा। इस बारे में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. विकास ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है। डाक्टरों ने सुरक्षा बढ़ाने, आरोपियों की गिरफ्तारी और अस्पताल में एक मरीज के साथ एक रिश्तेदार प्रवेश करने संबंधी मांगें रखी। जिस पर विचार किया जा रहा है। लेकिन डाक्टरों का तर्क है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी वे हड़ताल जारी रखेंगे।

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