ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री हषर्वर्धन ने सोमवार को आप सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि दिल्ली में यमुना के बढते जलस्तर से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए पहले से कोई योजना नहीं बनाई गई और वे लोग यहां की असंवेदनशील सरकार की दया पर निर्भर हैं। शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के चुनावी वादे को पूरा नहीं करने के लिए भी उन्होंने आप को आड़े हाथों लिया।
सनद् रहे:
एक दिन पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल अनिल बैजल द्वारा गठित एक पैनल की रिपोर्ट को फाड़ दिया था। उक्त रिपोर्ट निगरानी कैमरों को लगाने और उन पर नजर रखने से संबंधित थी। हषर्वर्धन ने ट्वीट किया, दिल्ली में यमुना किनारे रहने वाले लोग असंवेदनशील सरकार की दया पर हैं। लगातार बारिश के कारण यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर जा रहा है।
सड़क पर पटक दिया:
पहले से कोई योजना नहीं थी, बाढ़ के पानी में फंसे लोगों के लिए पर्याप्त आश्रय स्थल भी नहीं हैं। शनिवार को यमुना ने खतरे के निशान को पार कर लिया था उसके बाद से नदी तट के निकट रहने वाले कई लोगों को बचाया गया था। उफनती यमुना नदीं का पानी कई घरों में घुस गया था जिसके बाद से लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हैं, इसे देखते हुए केजरीवाल ने आज परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को निर्देश दिया कि वह इन लोगों के रहने के लिए उपयुक्त बंदोबस्त करवाएं। अधिकारियों के मुताबिक यमुना का जलस्तर 206 मीटर को छू सकता है, खतरे का निशान 204.83 मीटर पर है। शुक्र इस बात का है कि फिलहाल किसी भी यमुना बें बढ़े जल स्तर से कोई हताहत होने की खबर नहीं मिली है। लेकिन यमुना तीरे के पुस्तों के आसपास लोगों ने अपना अस्थायी घर बना लिया है।
हर दूसरा सख्श है बीमार:
शास्त्री पुस्ता, गीता कालोनी, ओखला बैराज के आसपास लोग ठहरे हुए हैं। वे त्रिपाल और बारिश से बचाव के लिए पॉली युक्त चादरे डालकर बैठे थे। यहां पर फिलहाल रहने वालों को वायरल बुखार, उल्टी दस्त के साथ ही पेट में ऐंठन की शिकायतें हैं। एक आरएमपी डाक्टर ने कहा कि स्वच्छ पानी का प्रबंध नहीं है जिससे ऐसा लगता है कि हर दूसरा सख्श किसी न किसी बीमारी की गिरफ्त में है। इस बीच मलेरिया विभाग की टीम ने क्षेत्र का दौरा कर लोगों को क्लोरिन युक्त पानी का सेवन करने की सलाह दी।