अर्शदीप कौर नई दिल्ली, दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.एम.सी.) ने स्कूलों और गुरुद्वारा साहिबान में गर्मीयों में कैंप आयोजित करने का फैसला किया है जिन में विद्यार्थियों को पंजाबी भाषा सिखाई जाएगी और पगड़ी सजाने की शिक्षा भी दी जाएगी।
यह जानकारी देते दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जनरल सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इन कैंपों में हर किसी को मुफ्त में पंजाबी सिखाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पंजाबी भाषा सिर्फ एक धर्म तक सीमित नहीं है और यह विरसे की भाषा है जो पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, राजस्थान समेत सभी मुख्य उतरी राज्यों में बोली जाती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में रहते लोग भी बड़ी सं२या में पंजाबी बोलते हैं। उन्होंने हिका कि पंजाबी संसार की सब से अमीर भाषा है और हर पंजाबी पंजाबी बोल कर मान महसूस करता है। उन्होंने कहा कि यह कैंप उनके लिए सुनहरा मौका हैं जो यह भाषा सीखनी चाहते हैं और भाषा सीखने के लिए हर किसी का कैंपों में स्वागत है। उन्होंने कहा कि कैंपों में पंजाबी लिखनी और पडऩी सिखाई जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाबी भाषा सिखाने के इलावा अलग अलग प्रकार के मुकाबले करवाए जाएंगे जिन में पेंटिंग, ड्राइंग और इतिहास और मातृभाषा की शिक्षा पर आधारित कुइज मुकाबले भी करवाए जाएंगे।
सिरसा ने कहा कि इन कैंपों में पगड़ी सजाने की शिक्षा भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का मकसद नौजवानों को पगड़ी सजाने की प्रशिक्षण देना है जिस से वह पटके बांधने की जगह पगड़ी सजाया करें। उन्होने कहा कि पगड़ी सजाने के माहिर नौजवानों को अलग-अलग ढंगों के साथ पगड़ी सजाने का प्रशिक्षण भी देंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि इन कैंपों में मां बाप को भी यह बताया जाएगाा कि घर में पंजाबी बोलनी क्यों जरुरी है और घर में पुरुष सदस्यों के लिए दस्तार सजानी क्यों लाजिमी है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि कैंपों में शामिल होने वालों को अपने अमीर विरसे, इतिहास और धार्मिक शिक्षा की भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने सब से अपील की कि इन कैंपों का लाभ लेने और पंजाबी भाषा सीखने के लिए धार्मिक रास्ते से उपर उठ कर आगे आए।