नेत्रदान करने में दिल्लीवाले औव्वल -99 फीसद लक्ष्य नेत्रदान करने वालों में 67 फीसद युवा

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ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली (एसएनबी)। नेत्रदान महादान, यह जानते तो सभी हैं, लेकन इसे मानकर नेत्रदान करने वालों की संख्या अब तक देश में कमतर ही रही है। राजधानी दिल्ली अपने लक्ष्य को पाने में कामयाब रही। यहां 99 प्रतिशत तक नेत्रदान हुआ। सुखद यह भी है इनमें 67 फीसद युवा नेत्रदान करने में दिलचस्पी ली। वहीं अगर संख्या के अनुसार देखें तो सबसे ज्यादा नेत्रदान तामिलनाडू, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुआ है। राहत वाली बात है कि बीते वर्ष 2017-18 में लोगों को यह बात पहले से ज्यादा लोगों को समझ में आई, जिससे इस वर्ष नेत्रदान करने वालों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। नेशनल प्रोग्राम फॉर ब्लाइंडनेस कंट्रोल (एनपीबीसी) के आंकड़ों की माने तो बीते वर्ष में देश में उम्मीद से 139 प्रतिशत ज्यादा नेत्रदान हुआ है। सबसे ज्यादा 621 प्रतिशत नेत्रदान पुड्डूचेरी में हुआ। हालांकि इसमें पूर्वोतर के राज्यो और केंद्र शासित प्रदेशों का योगदान शून्य है।
नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (नोटो) के निदेशक डा. विमल भंडारी के अनुसार वर्ष 2017-18 में देश में 50 हजार नेत्रदान का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन वर्ष के अंत तक इससे 39 प्रतिशत तक ज्यादा 69, 343 नेत्रदान हुए। खास बात यह है कि करीब 15 राज्यों ने अपने लक्ष्य (सौ प्रतिशत) से भी ज्यादा नेत्रदान किया। जबकि चार राज्य ऐसे भी हैं जहां लक्ष्य के दो सौ प्रतिशत से भी ज्यादा नेत्रदान हुआ। वहीं पूर्वोतर और केंद्र शासित प्रदेशों समेत नौ सूबों में इसका खाता भी नहीं खुला है। इस पर डा. भंडारी का कहना है कि उनकी कोशिश है कि इस बढ़ोतरी को आने वाले वर्षो में भी बरकरार रखा जाए। गुरुनानक नेत्र कंद्र के निदेशक प्रोफेसर डा. जेएल गोयल ने कहा कि जागरुकता पर हम फोकस कर रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले सालों में हम इस लक्ष्य को और उपर तक ले जाएंगे। इसमें युवा वर्ग अब नेत्रदान करने में दिलचस्पी ले रहे हैं। वे अन्य लोगों को भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित करते हैं। नेत्र सर्जन संजय चौधरी ने कहा कि हर उम्र के लोग स्वैच्छिक नेत्रदान के लिए शपथ ले रहे हैं वे खुद ही नेत्र बैंकों में अपनी पहचान दर्ज करा रहे हैं।

राज्य जहां लक्ष्य से ज्यादा हुआ नेत्रदान:

राज्य लक्ष्य नेत्रदान प्रतिशत
पुड्डूचेरी 200 1242 621
छत्तीसगढ़ 300 378 126
गुजरात 6500 8057 124
हरियाणा 1500 1821 121
कर्नाटका 3500 5914 169
केरला 1700 1838 108
मध्यप्रदेश 1000 2414 241
महाराष्ट्र 7000 7560 108
उडिसा 700 1344 192
पंजाब 700 1274 182
राजस्थान 1200 1417 118
तामिलनाडू 7000 12349 176
तेलंगाना 3400 9953 293
उत्तर प्रदेश 1000 2051 205
चंडीगढ़ 500 935 187

जहां नहीं खुला खाता:
दादर नगर हवेली, अरूणाचल, लक्ष्यद्वीप, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, दमन दीव और अंडमान निकोबार।

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