दिल्ली उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से 30 नवंबर तक उपहार मामले में फैसला लेने को कहा

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भारत चौहान
दिल्ली उच्च न्यायालय ने उपहार अग्निकांड के मुख्य मामले की सुनवायी के दौरान दस्तावेजों के साथ कथित छेडछाड से जुडे मामले पर निचली अदालत से 30 नवंबर, 2018 तक फैसला देने को कहा है।
न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने सात सितंबर तक मामले में सुनवाई की स्थिति रिपोर्ट देने को कहा।
अदालत ने कहा, ‘‘ निचली अदालत को निर्देश दिया गया है कि वह मामले में सुनवाई पूरी करे और 30 नवंबर 2018 तक फैसला सुनाए। सात सितंबर 2018 तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।’’
उच्च न्यायालय ने मामले में दिल्ली सरकार और अन्य पक्षकारों से कहा कि वह सुनवाई में सहयोग दें ताकि मामले का जल्द से जल्द निबटारा हो सके।
एसोसिएशन्स ऑफ द विक्टिम्स ऑफ उपहार ट्रेजेडी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने सबूतों से छेडछाड से संबंधित मुख्य मामले में प्रतिदिन सुनवाई की मांग उठाई।
उन्होंने कहा कि निचली अदालत हर महीने केवल एक ही तारीख दे रही है जो सुनवाई में विलंब की वजह है।
राज्य और दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह अदालत की मदद कर रही हैं ताकि सुनवाई की रफ्तार तेज हो सके।
पीडितों के समूह ने याचिका दायर कर मामले की तेज रफ्तार से सुनवाई की मांग उठाई थी जिसके बाद उच्च न्यायालय ने 17 जनवरी को उपहार सिनेमा अग्निकांड त्रासदी से जुडे मामले की जानकरी मांगी। इसकी सुनवाई निचली अदालत में चल रही है।
रियल एस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल से संबंधित मुख्य मामले में सुनवाई के दौरान दस्तावेजों से कथित तौर पर छेडछाड हुई थी। मामले में जिन प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की गई, उच्च न्यायालय ने उनकी संख्या और उनकी स्थिति की जानकारी मांगी थी।
इसके अलावा यहां पटियाला हाउस अदालत में मुख्य मेट्रोपोलिटन मेजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित मामलों की जानकारी भी मांगी थी।
उपहार सिनेमाघर में 13 जून 1997 को आग लग गई थी। उसमें 59 लोग मारे गए थे जबकि 100 लोग घायल हुए थे। तब सिनेमाघर में फिल्म बॉर्डर का प्रदर्शन किया जा रहा था।
अदालत के रिकॉर्ड रूम से मामले से जुडे कुछ दस्तावेजों के गायब होने के बाद निचली अदालत ने 31 जनवरी 2003 को जांच के आदेश दिए थे। जांच के बाद अदालत के एक कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

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