दिल्ली में कैंसर बेलगाम हर रोज ले रहा है 30 लोगो की जान स्वास्थ्य मंत्रालय बेखबर

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , कैपिटल ऑफ इंडिया यानी दिल्ली में कैंसर की वजह से हर रोज औसतन 30 लोगों की मौत हो रही है। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री (एनपीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में दिल्ली में 11 हजार 039 लोगों ने कैंसर की वजह से जान गंवाई। मतलब, हर रोज औसतन 30 लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), एम्स के वैज्ञानिकों का मानना है कि बदलती जीवनशैली और वायु प्रदूषण लोगों में अंडाश्यों और फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ा रहा है। हर वर्ष 4 फरवरी को वि कैंसर दिवस मनाया जाता है।
दिल्ली में हर साल बढ़ रहे कैंसर के मरीज:
राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 से 2018 के बीच दिल्ली के लोगों में कैंसर तेजी से फैला है। जिसके चलते अस्पतालों में कैं सर मरीज और मौतें बढ़ी हैं। वर्ष 2015 में राजधानी में 19,168 कैंसर मरीज सामने आए जबकि 2016 में 20 हजार, 2017 में 20 हजार 899 और 2018 में 21 हजार 821 लोग इसकी चपेट में आए हैं। इस क्रम में वर्ष 2015 में 9 हजार 699, 2016 में 10 हजार 127, वर्ष 2017 में 10 हजार 533 और 2018 में 11 हजार 039 कैंसर मरीजों की मौत हुई है।
जीवनशैली बदलकर कैंसर के 60 फीसद मामले हो सकते हैं कम:
एम्स-आईआरसीएची के निदेशक डा. जीके रथ ने एनपीआर के जरिए बताया कि साल 2018 में भारत में कैंसर से 7.84 लाख मौतें हुई। उन्होंने बताया कि जीवनशैली में बदलाव कर लगभग कैंसर के 60 फीसद तक मामलों को कम किया जा सकता है।
पहचान के लिए जन अभियान की है दरकार:
एम्स में मेडिसिन ओन्कॉलोजी विभाग के प्रोफेसर डा. अतुल शर्मा मुताबिक कैंसर के बारे में अगर शुरू में ही पता चल जाए तो बड़ी संख्या में लोगों की इसकी वजह से होने वाली मौत को कम किया जा सकता है। स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, कोलन कैंसर आदि शुरू में पता चलने पर मरीज को स्वस्थ किया जा सकता है। बहुत से मरीज कैंसर के लक्षण को अनदेखा कर देते है और बाद में इस बीमारी के चपेट में आ जाते है। यदि सही समय पर कैंसर की पहचान हो जाए, तो इसका उपचार काफी प्रभावी होता है और रोगी के जीवित रहने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
वजह:
अस्वस्थ खान-पान, फल-सब्जियों में पेस्टीसाइड्स, अस्वस्थ जीवनशैली, दूषित पानी और वायु प्रदूषण कैंसर होने के प्राथमिक कारण है। घाव का न भरना, कफ में खून आना, मल में खून आना और लगातार वजन घटना, आदि लक्षणों को अनदेखा नहीं करना और इन्हें समझना जरूरी है, यह कैंसर की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राहत:
भारत में कैंसर के इलाज के लिए इम्यूनोथेरेपी, प्रोटोन बीम थेरेपी और नई दवाओं के आने से मरीजों को बेहद राहत मिलेगी। अगर लोग अपनी जीवनशैली में सुधार कर लें तो कैंसर के मामलों को 60 फीसद तक कम किया जा सकता है। लेकिन यह सुविधा देश के एक ही निजी अस्पताल में ही उपलब्ध है, जो काफी महंगी है।

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