एम्स वारियर्स पर कोविड अटैक, मामला पीएम दरबार में ले जाने की फैकल्टी कर रहे तैयारी! -चार दिन में 60 से ज्यादा डाक्टर, नर्स, स्टाफ संक्रमित हुए

पिछले दो महीने में 200 से ज्यादा वारियर्स - 24 घंटे में 11 और हेल्थकेयर स्टाफ कोरोना पॉजिटिव

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, देशभर में गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विख्यात एम्स के वारियर्स अब खुद ही तेजी से वैिक महामारी कोविड-19 की गिरफ्त में तेजी से आ रहे हैं। आरडीए-एम्स, फैकल्टी फेडरेशन समेत अन्य कई वरिष्ठ फैकल्टी सदस्यों का आरोप है कि उन्हें मानकों के अनुरूप मास्क, पीपीई किट जैसी सुविधाएं सुचारु रूप से नहीं मिल पा रही है। नतीजतन लोग कामचलाउ प्रोटेक्ट कर रहे हैं, जो हर दिन बढ़ती संक्रमितों की संख्या से प्रशासनिक संवेदनहीनता और वारियर्स की विवशता की ओर इशारा करते हैं। इस कमी को दूर करने के लिए अब फैकल्टी सदस्यों का समूह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम सामुहिक हस्ताक्षरयुक्त पत्र लिखने की तैयार कर रहा है। एम्स आरडीए के वैज्ञानिक कमेटी के चेयरमैन डा. विजय कुमार ने कहा कि सोमवार तक सुविधाएं नहीं बढ़ाई गई तो वे आंदोलन का आगाज करने के लिए तैयार रणनीतियों को गंभीरता पूर्वक लागू करने पर विचार करेंगे।
क्या है स्थिति, ओपीडी सेवा शुरू होने पर लगत सकता है ग्रहण:
पिछले चार दिनों में एम्स में 60 से ज्यादा डॉक्टर, नर्स और स्टाफ संक्रमित हो चुके हैं। अब तक 206 स्टाफ संक्रमण के शिकार हो चुके हैं। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डा. डीके शर्मा ने स्वीकार किया कि पिछले दो महीने में एम्स के 200 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। एम्स में कोविड के फैलते संक्रमण का असर ओपीडी शुरू करने की योजना पर हो सकता है। अगर, इसी तरह स्टाफ संक्रमित होता रहा तो शायद ओपीडी शुरू करने की योजना टालनी पड़ सकती है। 200 नमूनों की हर दिन जांच का लक्ष्य रखा गया है।
बढ़ रहे मामले, चिंतनीय:
एम्स फैकल्टी के एक वरिष्ठ सदस्य के अनुसार शनिवार को एम्स में 11 हेल्थकेयर स्टाफ कोविड से संक्रमित पाए गए हैं। इसमें से दो रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं। मंगलवार और बुधवार को 48 लोग संक्रमित हुए हैं। इसमें एम्स के कैंसर सेंटर के पांच स्टाफ शामिल थे, जिनमें दो रेजिडेंट डॉक्टर और दो नर्स के अलावा एक सिक्यॉरिटी गार्ड शामिल था। कैंसर सेंटर में बहुत ही गंभीर मरीज इलाज के लिए आते हैं। इन दिनों लॉकडाउन की वजह से एम्स अपनी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहा है, लेकिन कैंसर विभाग में रेडिएशन के मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कैंसर सेंटर में संक्रमण पाए जाने का मुद्दा गंभीर है। यह बहुत ही संकरा है और मरीज होने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना मुश्किल है। कैंसर सेंटर में जिन डॉक्टरों और नर्स में कोविड पाया गया है, उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है, ताकि उन्हें क्वारंटीन किया जा सके।
डॉक्टरों को दिए जा रहे मास्क पर सवाल
एम्स में डॉक्टरों और स्टाफ को दिए जा रहे मास्क की क्वॉलिटी पर भी सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया में एक मास्क की फोटो शेयर की गई है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि नाम जरूर एन-95 है, लेकिन इसकी क्वॉलिटी वैसी नहीं है।

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