बढ़ती गर्मी में डायरिया-डीहाइड्रेशन के शिकार हो रहे बच्चे, डॉक्टरों की सलाह-बोतल से न पिलाएं दूध -अस्पतालों में बीमार होकर पहुंचने वाले बच्चों में 40 फीसदी डायरिया-डीहाइड्रेशन से पीड़ित -चाचा नेहरू, लोकनायक, जीटीबी, आरएमएल आदि अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , बढ़ती गर्मी से जहां लोग हीट स्ट्रोक के शिकार होने शुरू हो गए हैं, वहीं छोटे बच्चे डायरिया और डीहाइड्रेशन की चपेट में आने लगे हैं। दिल्ली के तमाम छोटे-बड़े और प्राइवेट अस्पतालों में बीमार होकर पहुंचने वाले बच्चों में डायरिया और डीहाइड्रेशन से पीड़ित बच्चों की तादाद बढ़ रही है। ऐसे में डॉक्टर्स ने बच्चों के परिजनों को सलाह दी है कि हो सके तो बोतल से दूध न पिलाएं, क्योंकि बढ़ते तापमान में बोतल का दूध जल्द खराब हो जाता है जिससे डायरिया का खतरा हमेशा बना रहता है।
दिल्ली के अस्पतालों में डायरिया-डीहाइड्रेशन से पीड़ित बच्चों की तादाद में बीते कुछ दिनों से बढ़ोतरी जारी है। यह बढ़ोतरी 30-40 फीसदी तक है। ईस्ट दिल्ली में बच्चों के बड़े अस्पताल चाचा नेहरू में बीमार होकर पहुंचने वाले कु छ बच्चों में से 40 फीसदी डायरिया और डीहाइड्रेशन से पीड़ति बच्चे हैं। प्रशासन के मुताबिक इन दिनों अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी में रोजाना करीब 250 पीड़ित बच्चे इलाज को पहुंच रहे हैं। हालांकि बुखार एवं अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीज भी अस्पताल में पहुंच रहे हैं।
चाचा नेहरू अस्पताल के अलावा कलावती शरन बाल चिकित्सालय, जीटीबी, लोकनायक, सफदरजंग, एम्स जैसे अस्पतालों में भी छोटे बच्चे डायरिया-डीहाइड्रेशन से पीड़ित होकर आ रहे हैं। वहीं प्राइवेट अस्पतालों अपोलो, मैक्स आदि अस्पतालों समेत स्थानीय प्राइवेट क्लीनिक में भी पीड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं।
खराब दूध तो नहीं:
मैक्स कैथलैब के निदेशक डा. विवेका कुमार के अनुसार पानी उबाल कर ही बच्चों को देना चाहिए। ओपीडी में आने वाले खासकर बच्चों का डायरिया और डीहाइड्रेशन से पीड़ित होने की वजह खराब दूध पीना माना जा रहा है। बच्चों को डायरिया खराब दूध पीने की वजह से वजह से हो रहा है। डायरिया से पीड़ित बच्चों में अधिकतर वह होते हैं जो बोतल से दूध पीते हैं। ऐसे में संभव हो तो बोतल का इस्तेमाल बंद कर दें। पानी की कमी होने की स्थिति में बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाते रहें।
चाचा नेहरू बाल चिकित्सालयमें बाल रोग चिकित्सक डा. ममता जाजू के अनुसार ‘गर्मिंयों के दिनों में बोतल में ज्यादा देर तक दूध रखे रहने की वजह से वह खराब हो जाता है। बच्चे के परिजन को इसके बारे में पता नहीं चल पाता और वह खराब दूध ही बच्चे को पिला देते हैं। ऐसे में बोतल का इस्तेमाल न करें तो अच्छा रहेगा। यदि बोतल का इस्तेमाल करना ही है तो इस्तेमाल से पहले बोतल को गर्म पानी में उबाल लें, उसके बाद उसमें दूध डालें। इसके लिए ज्यादा बोतले अपने पास रखें और बदल-बदलकर उसका इस्तेमाल करें। ’

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