भारत चौहान,भारत का चंद्रमा मिशन चंद्रयान-दो अगले महीने प्रक्षेपित होने वाला है और वह नासा के लेजर उपकरणों को अपने साथ चंद्रमा तक लेकर जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों के मुताबिक इससे वैज्ञानिकों को चंद्रमा तक की दूरी का सटीक माप लेने में मदद मिलेगी। पिछले हफ्ते अमेरिका के टेक्सास में हुए चंद्र एवं ग्रह विज्ञान सम्मेलन के दौरान नासा ने इस बात की पुष्टि की थी तैयार चंद्रयान दो और इजराइली यान बेरेशीट, दोनों नासा के स्वामित्व वाले लेजर रेट्रोरिफलेक्टर अरै को साथ लेकर जाएंगे। स्पेस डॉट कॉम ने नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय में ग्रह विज्ञान विभाग की कार्यवाहक निदेशक लोरी ग्लेज के हवाले से कहा, ‘‘हम पूरी सतह को जितना संभव हो उतने अधिक लेजर रिफलेक्टर से भर देने का प्रयास कर रहे हैं।’’ रेट्रोरिफलेक्टर ऐसे परिष्कृत शीशे होते हैं जो धरती से भेजे गए लेजर रोशनी संकेतों को प्रतिंिबबित करते हैं। ये सिग्नल यान की मौजूदगी का सटीक तरीके से पता लगाने में मदद कर सकते हैं जिसका प्रयोग वैज्ञानिक धरती से चंद्रमा की दूरी का सटीक आकलन करने के लिए कर सकते हैं।
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