भारत चौहान नई दिल्ली, केंद्रीय बजट से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ये बात पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कही उन्होंने कहा की ये बजट भारत में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाएगा.उन्होंने कहा की एक्सप्रेस-वे के लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान लोगों और सामानों की तेज आवाजाही, निर्बाध मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, आर्थिक बदलाव व लॉजिस्टिक संबंधी सामंजस्य की सुविधा हेतु प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन के तहत विकास परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करेगा। इस संबंध में, 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को 25,000 किलोमीटर तक विस्तारित किया जाएगा और इसके लिए नवीन वित्त पोषण के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
गति शक्ति मास्टर प्लान 7 इंजनों द्वारा संचालित है: सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, सार्वजनिक परिवहन, जलमार्ग और लॉजिस्टिक संबंधी अवसंरचना। ऊर्जा हस्तांतरण, सूचना प्रौद्योगिकी संचार, पानी की उपलब्धता, सीवरेज और सामाजिक बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित यह सभी 7 इंजन न केवल अर्थव्यवस्था को आगे लेकर जायेंगे बल्कि भारत में पर्यटन जगत को बढ़ावा देने में भी भूमिका निभाएंगे।
केंद्रीय बजट में 5 नए नदी लिंक (दमन गंगा पिंजाल, पार तापी नर्मदा, गोदावरी कृष्णा, कृष्णा पेन्नार, पीनार कावेरी) के विकास की भी योजना है, जो क्रूज पर्यटन को एक ऐसे क्षेत्र में बढ़ावा देगा जिसने गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों में एक बड़ी सफलता देखी है।
केंद्रीय बजट में सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों के विकास पर भी बहुत ध्यान दिया गया है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आजीविका में काफी वृद्धि होगी। पर्यटन मंत्रालय देश में सीमावर्ती पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहा है। देखा गया है कि कम घनी आबादी, सीमित संपर्क सुविधा और बिना बुनियादी ढांचे वाले सीमावर्ती गांव अक्सर विकास के लाभ से वंचित रह जाते हैं। उत्तरी सीमा पर बसे ऐसे गांवों को नए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत कवर किया जाएगा। प्रमुख गतिविधियों में ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण, आवास, पर्यटन केंद्र, सड़क संपर्क, विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा का प्रावधान, दूरदर्शन और शिक्षा चैनलों की डीटीएच पहुंच तथा आजीविका सृजन के लिए सहयोग करना शामिल होगा।
इसके अलावा, मैं यह बताते हुए बहुत आभारी हूं कि माननीय वित्त मंत्री ने पर्यटन मंत्रालय के लिए 2400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि निर्धारित की है। यह बजट राशि 2021-22 की तुलना में 18.42 प्रतिशत अधिक है और इसका उपयोग मंत्रालय द्वारा पर्यटन बुनियादी ढांचे, विपणन एवं प्रचार और क्षमता निर्माण के विकास के लिए किया जाएगा।
2400 करोड़ रुपये में से 1644 करोड़ रुपये पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास हेतु निर्धारित किए गए हैं, जिसमें स्वदेश दर्शन योजना के लिए 1181.30 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है। स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसके तहत मंत्रालय द्वारा 13 विषय-क्षेत्र-संबंधी सर्किट में 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। बजट आवंटन से मंत्रालय को व्यवस्था के तहत चल रही परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी और निर्मित बुनियादी ढांचा, छोटे तथा कम ज्ञात स्थलों पर पर्यटकों को बेहतर पर्यटन अनुभव प्रदान करेगा। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 55 नए स्थलों को विकसित करने की योजना बनाई जा रही है और मंत्रालय पूर्वोत्तर, हिमालयी क्षेत्र, जनजातीय क्षेत्र आदि पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा।
मंत्रालय के एक अन्य प्रमुख कार्यक्रम अर्थात प्रसाद योजना का उद्देश्य देश में चयनित तीर्थ स्थलों का समग्र विकास करना है। प्रसाद योजना के लिए 235 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। योजना के तहत विकास के लिए उठाए गए घटकों में क्लॉक रूम सुविधाएं, प्रतीक्षा कक्ष, निर्देशक या चेतावनी संकेतक, यात्री टर्मिनल, स्मारकों/तीर्थयात्रा स्थलों पर रोशनी, पार्किंग सुविधाएं, अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी, कचरे के डिब्बे, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, शिल्प हाट आदि का निर्माण कार्य शामिल हैं। प्रसाद योजना के तहत कुल 37 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 17 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। शेष आवंटन राशि का उपयोग अन्य योजनाओं जैसे सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण, चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना, सूचना प्रौद्योगिकी आदि के साथ-साथ मंत्रालय एवं उसके अधीनस्थ कार्यालयों तथा देश व विदेश में भारत के पर्यटन कार्यालयों के स्थापना कार्य को पूरा करने के लिए किया जायेगा।
पर्यटन मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत हमने 278 पार्किंग स्थल, 278 शौचालय, 181 कैफेटेरिया और 34 साउंड एंड लाइट शो विकसित किए हैं।
श्री रेड्डी ने कहा, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र पर्यटन के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है और हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि बजट इस क्षेत्र के लिए एक प्रमुख सहयोग का समर्थन करता है। पूर्वोत्तर के लिए पीएम विकास पहल, पीएम-डिवाइन, जिसे उत्तर-पूर्वी परिषद के माध्यम से लागू किया जा रहा है, पीएम गति शक्ति और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की स्वास्थ्य जरूरतों के आधार पर सामाजिक विकास की भावना में बुनियादी ढांचे को वित्त पोषित करेगा। इससे खासतौर पर उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के युवाओं एवं महिलाओं को फायदा होगा। शुरुआती तौर पर 1,500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।
पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 के लिए उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्यों को 227 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं; जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के निर्माण हेतु जनजातीय उप योजना के तहत 98 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
भारत ने घरेलू पर्यटन में बड़ी वृद्धि देखी है और रेलवे इस क्षेत्र में नए विकास का प्रमुख योगदानकर्ता हैं। 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें विकसित की जा रही हैं। इनका निर्माण अगले 3 वर्षों में किया जाएगा और इससे दक्षता तथा यात्री अनुभव में सुधार होगा। दुर्गम इलाकों में कनेक्टिविटी में सुधार तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम पीपीपी मॉडल के तहत सड़क संपर्क सुविधा के स्थायी विकल्प के रूप में रोपवे का विकास किया जायेगा।