ब्रेनडेड 57 वर्षीय महिला ने जाते जाते अंगदान कर चार मरीजों की जिंदगी बचाई -दो गुर्दा, लीवर, हृदय तीन अस्पतालों के सामांजस्य से पुरी हुई कार्रवाई

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , अंगदान महादान है इसी कड़ी में अब 57 वर्षीय ब्रेनडेड महिला ने जाते जाते चार लोगों को नई जिंदगी दी। द्वारका स्थित वेंकटेश्वरा अस्पताल में पांच दिन पहले दिल्ली की रहने वाली 57 वर्षीय महिला को ब्रेन हेमरेज होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सीय जांच के बाद डाक्टरों की टीम ने उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया। अस्पताल में न्यूरो सर्जरी यूनिट के निदेशक डा. पीके सचदेवा, क्रीटिकल केयर यूनिट के प्रमुख डा. कर्नल मोनिस नाकारा, लीवर ट्रांसप्लांट यूनिट के प्रमुख डा. केआर वासुदेवन की मदद से यह प्रत्यारोपण राजधानी के तीन अस्पतालों में किए गए।
कर्नल नाकारा के अनुसार डाक्टरों की टीम ने ब्रेनडेड घोषित करने के बाद महिला के परिजनों ने कहा कि उसकी अन्तिम इच्छा थी कि उनके जिंदा अंगों को दान कर दिया जाए। उनकी सहमति के बाद लीवर और किडनी वेंकेटेरा अस्पताल में ही अंग दान की बाट जोह रहे दो अलग अलग रोगियों में क्रमश: लीवर और गुर्दा प्रत्यारोपित किए गए। इसके अलावा एक गुर्दा आर्टिमिस गुरुग्राम स्थित अस्पताल में 34 वर्षीय मरीज में प्रत्यारोपित किया गया जबकि साकेत स्थित मैक्स हास्पिटल में एक 65 वर्षीय रोगी में हृदय प्रत्यारोपित किया गया। द्वारका से साके त ले जाने के लिए दिल्ली यातायात पुलिस की मदद से ग्रीन कोरीडोर बनाया गया था। उन्होंने दावा किया कि जिन मरीजों में अंग प्रत्यारोपित किए गए हैं। उनकी स्थिति में निरंतर सुधार दर्ज किया जा रहा है।

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