नियमित व्यायाम करने वाले हो जाएं एलर्ट, योगा मैट में खतरनाक रोगाणु! -डिस्इंफेक्टेंट स्प्रे और इम्पेगनेटेड योगा मैट में एंटीबायोटिक प्रतिरोध के लिए जिम्मेदार ट्राईक्लोसन रसायन शरीर को कर रहा है बीमार -आईसीएमआर-एचसीएफआई ने किया अध्ययन

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो जिम में हर दिन काफी समय बिताता है या किसी सार्वजनिक स्थान पर व्यायाम करता है, तो यह समय सावधान हो जाए। वह योगा मैट या चटाई जिसका आप उपयोग करते हैं, और धूल में शामिल ऐसी अन्य सतहें, एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी रोगाणुओं का भंडार हो सकती हैं। ये तथ्य आईसीएमआर और एचसीएफआई के हालिया एक अध्ययन में सामने आए है। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि इन रोगाणुओं ने एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक प्रयोग के कारण इस प्रतिरोध को विकसित नहीं किया होगा, लेकिन आमतौर पर सैनिटाइजर में उपयोग किए जाने वाले एक रसायन ट्राईक्लोसन के कारण ऐसा हुआ। 456 लोगों पर ओपीडी बेस्ड यह अध्ययन किया गया।
अन्य गंभीर तथ्य:
ट्राईक्लोसन को हाथ धोने के साबुन से रोका जा सकता है, लेकिन अन्य उत्पादों के असंख्य उपयोग में, कीटाणुनाशक स्प्रे से लेकर अभेद्य कपड़े, योगा मैट और अन्य वर्क-आउट उपकरण तक इसके निरंतर उपयोग से इस अब-सर्वव्यापी रासायनिक से बचना मुश्किल हो गया है। कोलगेट में भी यह लगभग 0.3 प्रतिशत मात्रा में मौजूद है। ये जीवाणुरोधी या रोगाणुरोधी रसायन एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया से जुड़े होते हैं।
एचसीएफआई के अध्यक्ष पद्मश्री डा. केके अग्रवाल ने कहा, ट्राईक्लोसन को कई दुष्प्रभावों के लिए जाना जाता है। इनमें त्वचा की जलन, एलर्जी, अंत:स्रवी व्यवधान, थायरयड को नुकसान और बच्चों में अस्थमा और एक्जिमा का खतरा बढ़ जाता है। यह जलमागोर्ं में पाए जाने वाले सबसे सामान्य सिंथेटिक यौगिकों में से एक है। इससे भी बदतर यह है कि यह आमतौर पर जल उपचार सुविधाओं से बाहर नहीं निकाला जा सकता। हर दिन लोग अपने नियमित व्यायाम दिनचर्या में योगा मैट और ऐसे अन्य उपकरणों या उत्पादों का उपयोग करते हैं। ये सब इस रसायन से इम्प्रेगनेटेड हैं, यह बात निश्चित रूप से चिंता का कारण है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध पहले से ही दुनिया भर में व्याप्त है और इसलिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे ऐसी किसी भी स्थिति को विकसित होने से बचने के लिए सावधानी बरतें।
यह भी:
ट्राईक्लोसन को पहली बार 1972 में सर्जिकल स्क्रब के रूप में उपयोग करने के लिए पंजीत किया गया था, लेकिन जल्दी ही यह अस्पतालों से निकल कर उपभोक्ता को ओवर-द-काउंटर बाजार में मिलने लगा, जहां इसे अपने जीवाणुरोधी गुणों के लिए विज्ञापित साबुन में जोड़ा जाने लगा। वर्षो से, अधिक से अधिक सबूत सामने आए कि ट्राईक्लोसन न केवल साबुन में अनावश्यक है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए कई खतरों का कारण बन रहा है।
ऐसा करें:
-एक्सरसाइज के दौरान योगा मैट या ऐसी अन्य चीजों का इस्तेमाल करने के बाद हर दिन कुछ समय के लिए धूप में रखना आवश्यक है।

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