अयोध्या मामले में शीर्ष अदालत के फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए:मुस्लिम नेता

0
442

ज्ञान प्रकाश मुंबई, मुस्लिम धर्म गुरुओं और समुदाय के नेताओं ने यहां बुधवार को कहा कि अयोध्या के राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय का जो भी फैसला आएगा, उसे दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए। इससे पहले दिन में, शीर्ष न्यायालय ने इस संवेदनशील मामले की सुनवाई पूरी कर ली और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल के महासचिव मौलाना महबूब दरयादी ने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि सुनवाई पूरी हो गई। हम चाहते हैं कि अदालत साक्ष्य के आधार पर, ना कि धार्मिक भावनाओं के आधार पर अंतिम फैसला करे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शुरू से ही हम कहते आ रहे हैं कि अदालत का जो भी फैसला होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे। लेकिन दूसरे पक्ष के लोगों को भी न्यायालय के फैसले को स्वीकार करना चाहिए।’’ उन्होंने फैसला आने पर मुस्लिम समुदाय से शांति एवं सौहार्द कायम रखने की भी अपील की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारी इकाई के सदस्य मौलाना सैयद अतहर अली ने कहा, ‘‘यह एक भूमि विवाद है, हमने न्यायालय के समक्ष पर्याप्त साक्ष्य पेश किये हैं और आशा है कि हम जीतेंगे। न्यायालय का जो भी फैसला होगा, हम उसका सम्मान करेंगे।’’ ख्वाजा-शिया जमात के वरिष्ठ सदस्य शब्बीर सोमजी ने कहा, ‘‘हमें न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और जो भी फैसला आएगा, हम उसे स्वीकार करेंगे तथा उसका सम्मान करेंगे।’’ शब्बीर इस समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here