खौफ कोरोना वायरस: चीन से आ रहे पार्सल लेने से भी कतरा रहे हैं लोग

स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ दे रहा है लोगों के सवालों के जवाब

0
840

ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , लोगों में कोरोना वायरस का खौफ इतना बढ़ गया है कि अब वह चीन से आने वाले पार्सल भी लेने से कतरा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और वि स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में इस तरह की कई मामलों के बारे में पता चला है। लोग उनसे बार-बार सवाल कर रहे हैं। ऐसे में अब स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ ने एक-एक कर लोगों के सवालों के जवाब देना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। फिलहाल भारत में स्थिति सामान्य है। अभी तक केवल तीन लोगों में कोरोना वायरस पॉजीटिव पाया गया है, लेकिन इसके बावजूद सावधानी बरतने की जरूरत है।
सवाल: क्या चाइना से आने वाला लेटर, कोरियर पैकेट, पार्सल लेना सुरक्षित है?
उत्तर: हां, यह सुरक्षित है। चाइना से आने वाले लैटर या पैकेज से कोरोना वायरस फैलने का डर नहीं है। एनालिस से पता चला है कि कोरोना वायरस सामान पर ज्यादा देर तक सक्रिय नहीं रह सकता।
सवाल: क्या निमोनिया से बचाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वैक्सिन कोरोना वायरस से नहीं बचा सकती क्योंकि यह एक नए तरीके का वायरस है?
सवाल: क्या पेंट्स से कोरोना वायरस फैलने का डर है?
उत्तर: अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया कि घर में पालने वाले डॉगी या बिल्ली में कोरोना वायरस पाया गया हो, लेकिन सावधानी के लिए यह जरूरी है कि पेट्स को हाथ लगाने के बाद हाथ साबुन से जरूर धाएं।
सवाल: कोरोना वायरस से बचने के लिए कोई मेडिसिन या वैक्सीन उपलब्ध है?
उत्तर: अभी तक कोरोना वायरस से बचाव या उसके इलाज के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है।
जरूरी है भ्रांतियां दूर करना:
वि स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम खैतरपाल के अनुसार मैन टू मैन फैलने वाले वायरस से बचाव के लिए यह जरूरी है कि लोगों की भ्रांतियों को दूर किया जाए। यह लोगों को मौलिक अधिकार है और अधिकृत एजेंसियों का उनकी भ्रांतियों को दूर करना नैतिक कर्त्तव्य है।
एलर्ट बचाव संभव:
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदान के अनुसार हम हर स्तर पर सभी बेशक वह निजी अस्पताल के डाक्टर हो या फिर सरकारी डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एडवाइजरी के प्रति सभी को सजग कर रहे हैं। अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वह डाक्टरों और नर्सिग स्टाफ के साथ ही मरीज, रिश्तेदारों, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को भी इस बार में अवगत कराएं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here