भारत चौहान
नई दिल्ली, 12 मार्च
दिल्ली के विधायकों मनजिंदर सिंह सिरसा और कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को कहा है कि सीलिंग के मामले पर वह अपनी ड्रामेबाजी बंद करके मसले के हल के लिए विधानसभा में तुरंत बिल पेश करें।
यहां एक प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए दिल्ली के विधायकों मनजिंदर सिंह सिरसा और कपिल मिश्रा ने कहा कि यह हैरानी वाली बात यह है कि सीलिंग के गंभीर मामले पर केजरीवाल की ड्रामेबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। उन्होंने कहा कि उनके ऐलानक किया है कि वह 31 मार्च के बाद भूख हड़ताल करेंगे परन्तु यह समय तो सारी दिल्ली की सीलिंग के लिए काफी है। उन्होंने कहा कि यहां ही बस नहीं बल्कि यह संकट सामने आने से 85 दिनों बाद अब सर्व पार्टी मीटिंग बुलाई जा रही है, जिस के साथ कोई लाभ नहीं होने वाला।
सिरसा और मिश्रा ने कहा कि यदि केजरीवाल सरकार इस मामले पर लोगों की सही अर्थों में मदद करना चाहती है तो फिर उसको इस मामले पर विधानसभा में बिल पेश करना चाहिए जिसकी लोगों के हक में धाराओं की हम हिमायत करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे एक्ट की वजह से सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के पास भी यह प्रभाव जाएगा कि दिल्ली के लोगों, विधानसभा में उनके चुने हुए प्रतिनिधियों और दिल्ली की आप सरकार के विचार क्या हैं।
दोनों नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि केजरीवाल सरकार ऐसा बिल पेश करने में असफल रही तो फिर वह दिल्ली के लोगों की सहायता के लिए प्राईवेट मैंबर बिल पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दो के हल के लिए ऐसा करना जरूरी है।
केजरीवाल सरकार की तरफ से बजट के पैसे को लोक भलाई के कामों पर सभ्यक ढंग के साथ न खर्चने की जोरदार निंदा करते श्री सिरसा और श्री मिश्रा ने कहा कि उन्होंने गैर सरकारी प्लैटफोर्म ‘वॉयस आफ दिल्ली’ का गठन किया है जिस के द्वारा बजट के मामले पर लोगों के विचार जाने जाएंगे क्योंकि केजरीवाल सरकार पिछले बजट के 49 प्रोजैक्टों के 17000 करोड़ रुपए खर्चने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि हैरानी वाली बात यह है कि यह 49 प्राजैक्ट प्राथमिक पड़ाव से आगे नहीं बढ़ सके और हजारों करोड़ रुपए खत्म हो गए।
दोनों नेताओं ने कहा कि यदि सरकार ने 17000 करोड़ रुपए सही ढंग के साथ खर्चने में समझदारी दिखाई होती तो फिर दिल्ली की पानी की समस्या स्थाई तौर पर हल हो जाती, इस के साथ और ज्यादा अस्पताल और क्लीनिक बन सकते थे और जो स्कूलों की छतें नहीं हैं, उन की छतें पड़ सकतीं थीं।
उन्होंने कहा कि बहुत शर्म की बात है कि बजट के इस सब से अहम मामले पर लोगों से राय लेने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने कहा कि अब जब वॉयस आफ दिल्ली का गठन हो चुका है तो वह टविटर, फेसबुक, वटसऐप, ई मेल और अन्य साधनों के द्वारा अगले चार दिनों में लोगों की राय प्राप्त करेंगे और लोगों से अपील करेंगे कि वह बताने कि बजट से उन की क्या आशाएं हैं और सरकार को लोग भलाई के लिए पैसा कैसे खर्चना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों से यह भी पूछा जाएगा कि क्या जनता के पैसो का 2 हजार करोड़ रुपए प्राईवेट कंपनियों को सब्सिडी के तौर पर देना वाजिब है और क्या मेट्रो सफर के लिए सब्सिडी नहीं देनी चाहिए?
उन्होंने कहा कि वह इसकी पूरी विस्थारित रिपोर्ट तैयार करेंगे और यह सोमवार को वित्त मंत्री को सौंपेंगे।
उन्होंने कहा कि वह वित्त मंत्री से अपील करेंगे कि लोगों की आशाओं के मुताबिक बजट में तबदीलियां की जाने पर यदि वह ऐसा करन में असफल रहे तो फिर वह खुद इस पर संशोधन पेश करेंगे।