बच्चा बदलने की शंका पर रोहिणी के ESI अस्पताल में हंगामा

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भारत चौहान नई दिल्ली, देश मे महिला सशक्तिकरण जोरों पर है, लेकिन उसके बाद भी महिलाओं द्वारा महिलाओं का शोषण रुकने का नाम नही ले रहा है। ताज़ा मामला रोहिणी स्थित ईएसआई अस्पताल का है, जहां एक महिला ने बेटी पैदा होने के दूसरे मरीज को सिर्फ इसलिए छुट्टी होने से तीन दिन रोक लिया, क्योंकि उसे शक था कि उसने बेटा पैदा किया था, जिसे अस्पताल वालों ने दूसरी महिला से बदल दिया है।
हैदरपुर निवासी 22 वर्षीय आरती इसी महीने की 21 तारीख को प्रसव के लिए रोहिणी स्थित ईएसआई अस्पताल में दाखिल हुई। यहां उसने उसी दिन एक बेटे को जन्म दिया। लेकिन बेटा जनने की खुशी वार्ड तक आते आते चिंता में बदल गई, क्योंकि उसके बगल वाले बेड पर दाखिल महिला, जिसने उससे करीब एक घंटा पहले बेटी को जन्म दिया था, यह कहते हंगामा खड़ा कर दिया कि उसने बेटे को जन्म दिया था, मगर असप्तालवालों ने आरती से मिलकर बच्चा बदल दिया। आरती की माने तो इस हंगामे की वजह से उसे छह दिन तक अस्पताल में रोका गया। छह दिन बाद जब उसने महिला हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया, तब जाकर उसे अस्पताल से छुट्टी मिली।
इस पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अंशु छबड़ा का कहना है कि दूसरी महिला के आरोप पर उन्होंने दोनों बच्चों का डीएनए टेस्ट करने भेज दिया है। इसके साथ ही दोनों नवजातों के फुट मार्क भी ले लिए गए हैं। अगर महिला के आरोप में सच्चाई पाई जाती है तो आगे कार्रवाई की जाएगी।

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