एम्स के फिजियोथेरेपी विभाग को मिलेगा रोबोट -दूर होंगी दिव्यांगता की संभावनाएं

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भारत चौहान नई दिल्ली, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विख्यात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ऐसे शरीर के विभिन्न अंगों से बीमारी या फिर किसी प्रकार की चोट की वजह से आसक्त हो चुके मरीजों को रोबोट के जरिए इलाज की सुविधा मिलेगी।
एम्स में आयोजित 17वें अन्तरराष्ट्रीय फिजिकल थेरेपी सम्मेलन के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए एम्स में स्नायु तंत्रिका विभाग में वरिष्ठ भौतिक चिकित्सक (फिजियोथेरेपिस्ट) डा. प्रभात रंजन ने यह घोषणा की। डा. रंजन ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रोबो द विन्सी (रोबोट) को विदेश से आयात करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग और एम्स प्रशासन ने अतिरिक्त बजट पास किया है। उम्मीद है वर्ष 2019 के फरवरी माह तक मरीजों को रोबोट की मदद से थेरेपी की सुविधा मिलेगी। हमने संभवत: सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली है। मुझे खुशी है कि संस्थान का भौतिक चिकित्सा विभाग मरीजो के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए यह नई प्रौद्योगिकी हासिल करने जा रहा है। डा. रंजन ने कहा कि आईसीयू में रोबोट को शामिल करना खासकर हाथ और पैर के शीघ्र स्वस्थ हाने के लिए पासा पलटने वाली स्थित होगी देश-विदेश के 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। दो दिवसीय इस सम्मेलन का उद्घाटन शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनी कुमार चौबे ने किया था। विशेषज्ञों का तर्क है तक इस पहल से भौतिक चिकित्सकों की भूमिका आयुष्मान भारत के तहत परिभाषित होगी और यह सरकार के कल्याण कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा है।

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