ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली,वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह विंडो पीरियड हो सकता है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति दूसरों को तेजी से संक्रमित कर रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि मास्क पहनना, सेनिटाइज का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही फीजिकल डिस्टेंसिंग का अनुपाल गंभीरता पूर्वक अपनी दिनचर्या में शामिल करें। बीते 15 दिनों के आंकडों का विश्लेषण रिपोर्ट के हवाले से डा. गुलेरिया ने कहा कि एक्टिव केसों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एंटीजेन टेस्ट में निगेटिव पाए जाने के बाद भी रोगियों में कोविड संक्रमण सक्रिय पाए गए हैं। ऐसे मरीजों की संख्या 35 फीसद तक दर्ज की गई है। तो वहीं रेपिड एंटीजन टेस्ट में निगेटिव पाए जाने के बाद जब हालत गंभीर होती है तो आरटी पीसीआर टेस्ट कराने का प्रचलन है। इस अवस्था के हर दिन आने वाले नए संक्रमितों में से 59 फीसद पाए गए हैं।
विंडो पीरियड:
डा. गुलेरिया कहते हैं कि रेपिड एंटीजन टेस्टिंग और आरटी पीसीआर के मध्य विंडों पीरियड तीन से 5 दिन का है। इसी दौरान रेपिड एंटीजन टेस्ट करा चुका संक्रमित दूसरों में भी संक्रमण फैला रहा है। यह प्रवृत्ति अत्यंत भयानक हो सकती है। दरअसल, निगेटिव पाए जाने के बाद संक्रमित व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के तहत मास्क, सेनिटाइज व सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन नहीं करता है। ऐसे लोगों से एलर्ट रहने की जरूरत है। जिसे बचाव के तौर तरीकों को अपनाकर ही संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सकता है।
संक्रमण बढ़ रहा है, रोकथाम के लिए सख्ती जरूरी:
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव के अनुसार लोग लापरवाह हो गए हैं। बिना मास्क के बाहर घूम रहे हैं। मार्केट खुलने के बाद ओपन एरिया में एकसाथ दो से तीन लोग खाना खा रहे हैं। यह सबसे खतरनाक है। बिना मास्क पास-पास बैठ कर खाना खाने के दौरान अगर किसी एक में संक्रमण होता है, तो उससे बाकी दोनों संक्रमित हो जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि लोगों को अभी पहले की तरह जीना होगा। अभी सामाजिक और फीजिकल दूरी बनाए रखे जाने की महती जरूरत है। जिस प्रकार दिल्ली में दोबारा से संक्रमण बढ़ रहा है, वह भले चिंता वाली बात नहीं हो, लेकिन इस पर दोबारा ध्यान देने की जरूरत है।
एंटीबॉडी पाए जाने का औसत बढ़ना चिंतनीय:
सफदरजंग के कम्युनिटी मेडिसिन यूनिट के प्रमुख डा. जुगल किशोर दिल्ली में लगातार एंटीबॉडी पाए जाने का औसत बढ़ रहा है, ऐसे में जो लोग बाहर से आएंगे उनमें संक्रमण का खतरा है और उसकी वजह से संक्रमण रेट बढ़ सकता है। संक्रमण बढ़ने का दूसरा कारण ये हो सकता है कि अब तक जो लोग लॉकडाउन की वजह से लंबे समय से अपने घरों में बंद थे, वो लॉकडाउन खुलने के बाद घर से निकलने लगे हैं, जैसा दिल्ली का ट्रैफिक बता रहा है। ऐसे लोगों में भी संक्रमण का खतरा है। अधिकतर लोग मास्क पहन नहीं रहे हैं। जो पहन रहे हैं वे या तो नाक कवर करते हैं या फिर मुंह। यह सही आदत नहीं है।
एम्स, आइसीएमआर ने चेताया, अभी खत्म नहीं हुआ कोविड-19 संक्रमण!
अगर बरती लापरवाही तो तैयार रहिए आप रोगग्रस्त होने के लिए -जो पहन रहे हैं वे या तो नाक कवर करते हैं या फिर मुंह