ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली। बारिश के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रशासन एलर्ट हो गया है। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया समेत अन्य एडिज एजिप्टाई मच्छरों की रोकथाम एवं मरीजों को त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अलग से डेंगू सेल बनाया है। जिसमें पहले चरण में 50 बिस्तरों का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जहां पर राउंड द क्लाक मरीजों को उपचार और नैदानिक सेवाएं प्रदान की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि बीते सालों अक्सर मरीजों को इलाज देने में आनाकानी करने के मामले में एम्स प्रशासन बैकफुट पर रहता रहा है, उसकी आलोचना संसद तक होती रही है। इनसे बचने के लिए इस बार सख्त रणनीति तैयार की गई है। दरअसल, यह निर्णय सोमवार को जारी दक्षिण दिल्ली नगर निगम की साप्ताहिक रिपोर्ट के बाद लिया गया। एसडीएमसी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई माह में मलेरिया 42 मामले दर्ज किए गए हैं। जो इस साल एक माह में सबसे अधिक मामले हैं।
जिम्मेदारी अभियंत्रिकी विभाग की:
मच्छरों से बचने के लिए एम्स प्रबंधन ने अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश देते हुए सभी परिसरों की जांच करने के साथ-साथ एम्स के विभिन्न वार्ड और कक्ष में मौजूद कूलरों में दो चम्मच मिट्टड्ढी का तेल डालने की सलाह भी दी है। ताकि इन कूलरों में डेंगू लार्वा पनप न सके। दो दिन पहले एम्स प्रबंधन ने इसे लेकर एक सकरुलर भी जारी कर दिया है। इसके तहत आफिस, वार्ड, हास्टल, डाक्टर आवास सहित एम्स के सभी परिसरों को स्वच्छ बनाने के सख्त निर्देश हैं। साथ ही एम्स में जगह जगह रखीं पानी की टंकियों की जांच करने और उन्हें बेहतर शीट से कवर करने के लिए भी काम शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि पानी की टंकियों को लेकर एम्स के सामने बंदर एक बड़ी चुनौती हैं। इनसे बचने के लिए अबकी बार एम्स ने बेहतर गुणवत्ता वाली शीट से टंकियों को कवर करने का कदम उठाया है।
क्या है सकुर्लर में:
ये मौसम मच्छर जनित बीमारियों के फैलने का है। एम्स में हजारों मरीज हर दिन इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में जरूरी है कि मरीजों के साथ डक्टर व अन्य स्टफ को परिसर में मच्छरों से सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
एम्स के अभियांत्रिकी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि निर्देश मिलने के बाद काम शुरू हो चुका है। एम्स परिसर में किसी भी जगह खुला कंटेनर दिखाई नहीं देगा। न ही कहीं जलभराव की समस्या देखने को मिली। सभी जगह विभागीय टीमों ने काम शुरू कर दिया है।
बारिश ने तोड़ा र्रिकड:
इस बीच दक्षिण दिल्ली नगर निगम की साप्ताहिक रिपोर्ट जारी की है। सोमवार को जारी मच्छर जनित बीमारियों संबंधी रिपोर्ट के अनुसार एक ही माह ने पूरे साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। एक से 28 जुलाई के बीच दिल्ली में सर्वाधिक 42 मरीज मलेरिया बीमारी से ग्रस्त हो चुके हैं। एक जनवरी से अब तक की बात करें तो मलेरिया मरीजों की संख्या 90 पार हो चुकी है। ठीक इसी तरह इस माह डेंगू और चिकनगुनिया के एकसमान 19-19 मरीज अस्पताल पहुंच चुके हैं। जबकि जनवरी से अब तक की बात करें तो डेंगू के 49 और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या 35 पहुंच चुकी है।