भारत चौहान नई दिल्ली भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफमंगलवार को अखिल भारतीय विरोध दिवस के रूप में मनाया गया। इसी कड़ी में सीपीआई(एम) की दिल्ली एनसीआर राज्य कमेटी ने आज संसद मार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया। जिसकी अगवाई सीपीआई(एम) पॉलिट ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने की। प्रदर्शनकारियों ने जमकर केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होने पेट्रोल-डीजल पर सरकारी कर घटाकर उन्हें सस्ता करने तथा महंगाई पर रोक लगाने की मांगों पर जमकर नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों को सुभाषिनी अली, पॉलिट ब्यूरो सदस्य तथा सीपीआई(एम) दिल्ली राज्य कमेटी के सचिव केएम तिवारी ने संबोधित किया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सुभाषिनी अली ने कहा कि सीपीआई(एम) देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि की कड़ी निंदा करती है। मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर जनता की जेब काट रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमत में तेजी से हुई वृद्धि का देश की मेहनतकश- गरीब जनता पर,बढ़ती महंगाई के रूप में सीधा प्रभाव पड़ता है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में वृद्धि से जरुरी वस्तुओं की कीमतों में भी इजाफा हो जाता है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में केंद्र सरकार द्वारा ज्यादा एक्साइज ड्यूटी लगाकर देश की जनता पर बोझ डाल रही है। वहीं केंद्र सरकार देश के शीर्ष कॉर्पोरेट को टैक्स में लाखों करोड़ रुपये छूट के रूप में दे रही है।
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पेट्रोल की कीमत का 47.4 फीसद और डीज़ल का 38.09 फीसद करों के रूप में इस वृद्धि से सीधा केंद्र सरकार के राजस्व में पिछले 4 साल मे 3 लाख करोड़ से ज्यादा की कमाई हुई है। मोदी सरकार ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होने पर तेल की कीमत कम की जाएगी। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होने पर भी कीमतें कम नहीं की गई।