एम्स में सक्रिय लैपटॉप चोर गैंग! – डॉक्टरों ने ओपीडी का किया बहिष्कार -आज से ओपीडी में रेजीडेंट डॉक्टर नहीं करेंगे मरीजों की सेवा

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भारत चौहान नई दिल्ली , देश के सबसे बड़े चिकित्सीय केंद्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इनिदनों लैपटॉप गैंग सक्रिय है। जिसका खामियाजा बृहस्पतिवार से हजारों मरीजों को उठाना पड़ सकता है। पिछले एक सप्ताह के दौरान एम्स के विभिन्न वार्डों से डॉक्टरों के लैपटॉप चोरी हो गए। आरोप है कि एम्स प्रबंधन की लापरवाही के चलते अस्पताल परिसर में चोरों का हौंसला बढ़ गया है। सीसीटीवी कैमरे ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे। इसीलिए एम्स रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने 23 मार्च से ओपीडी का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
बुधवार को एम्स डीन को लिखे पत्र में आरडीए अध्यक्ष डा. हरजीत सिंह भट्टड्ढी ने बताया कि 20 मार्च को डी 5 वार्ड से तीनए सी5 से 2ए एबी4 एवं 6 वार्ड से क्रमश: एक-एक लैपटॉप चोरी हो चुके हैं। जबकि हॉस्टल कैंपस से दो साइकिल भी चोरी हो चुकी हैं। इन सभी घटनाओं की जानकारी स्थानीय पुलिस को भी है। यह तब है जबकि यहां तिहरी स्तर की सुरक्षा व्यवस्था है जिसके तहत दिल्ली पुलिस, एम्स के स्थायी 100 से अधिक सुरक्षागार्डस के अलावा 450 से अधिक निजी सुरक्षा गार्ड तैनात है। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
दु:खी आरडीए का आरोप:
यहां चोरी की घटनाए आम है कभी महंगी किताबे तो कभी पर्स अब तक डाक्टर्स कक्ष में चोर लैपटाप तक चेरी करने लगे हैं। पिछले दिनों विभाग पल्मेनरी मेडिसिन के ड्यूटी कक्ष में रखे डॉक्टरों के तीन लैपटॉप चोरी हो गए। इन घटनाओं को लेकर जब भी प्रबंधन से शिकायत की जाती है तो रेजीडेंट डॉक्टरों की सुनवाई तक नहींहोती। जबकि प्रबंधन अब तक संस्थान में बंद पड़े सीसीटीवी कैमरों को ठीक भी नहीं करा पाया है। साथ ही अस्पताल के कई स्थान ऐसे हैंए जहां तत्काल सीसीटीवी कैमरों की जरूरत है। एम्स के मुख्य गेटों के आसपास कोई भी कैमरा नहीं लगा हुआ है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान की सुरक्षा आखिर किस भरोसे हैघ् इस पर एम्स प्रबंधन ने स्पष्टड्ढीकरण नहीं दिया। लेकिन बताया जा रहा है कि रेजीडेंट डॉक्टरों की इस चेतावनी से अधिकारी नाराज हैं। जिसका खामियाजा जल्द ही देखने को मिल सकता है।।
बहरहाल आरडीए अध्यक्ष डॉण् हरजीत सिंह का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर प्रबंधन ठोस फैसला नहीं लेता है। एम्स की ओपीडी में मरीजों की सेवा रेजीडेंट नहीं करेंगे। बता दें कि एम्स की ओपीडी में ज्यादात्तर रेजीडेंट डॉक्टर ही दिखाई देते हैं। गंभीर मरीजों पर सलाह को छोड़ बाकी मरीजों से जुड़े सभी कार्य रेजीडेंट डॉक्टर ही करते हैं। ऐसे में ओपीडी का बहिष्कार एम्स प्रबंधन के साथ साथ हजारों मरीजों के लिए मुसीबत बन सकता है।

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