कोरोना मरीज के संपर्क में आने के चलते एम्स में 30 डॉक्टर,नर्सिग स्टाफ क्वारंटाइन पर

उनके रिश्तेदारों, आस पड़ोस के लोगों की सक्रीनिंग की तैयारी

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स्स) में स्नायु विकार की समस्या को लेकर आए 72 वर्षीय एक मरीज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद यहां के डॉक्टरों, नसरे और टेक्नीशियन समेत स्वास्थ्य सेवा में लगे 30 कर्मचारियों को क्वारंटाइन में जाने की सलाह दी गई है। उनके रिश्तेदारों, आस पड़ोस के लोगों की सक्रीनिंग की तैयारी की जा रही है। जानकारी के अनुसार मरीज ने पहले दो दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक लक्षण के साथ इमरजेंसी में आया था और उसे फौरन जांच और इलाज के लिए न्यूरोलॉजी वार्ड एन-66 में शिफ्ट किया गया। उसका सीटी स्कैन और एमआरआई किया गया और अन्य मरीजों के साथ उसे रखा गया। उसके बाद उसने सीने और सांस में समस्या बताई, जिसके बाद उसके छाती का भी एक्स-रे किया गया और सांस की नली लगाई गई। बृहस्पतिवार को भी एक वरिष्ठ डाक्टर भी पोजिटिव आया। वह तब्लीगी जमात के समारोह में हिस्सा लेकर आ चुका है।
ऐसे हुआ शक:
सांस में तकलीफ की समस्या आने पर डॉक्टरों को शक हुआ और उसका सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजा गया तो वह कोविड-19 का पॉजिटिव निकला। एक डाक्टर के अनुसार मरीज को फौरन एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भेजा गया, जिसे कोविड-19 मरीजों के लिए बनाया गया है।
मरीजों को जिस न्यूरोलॉजी वॉर्ड में भर्ती किया गया था उसे सेनिटाइज किया गया और इमरजेंसी विभाग में लगे डॉक्टरों ने सभी मरीजों से कहा कि वह स्क्रीनिंग कराए ताकि ऐसे केस की पहचान हो सके। मरीज फिलहाल नाजुक हालत में है और डॉक्टरों की तरफ से उसके स्वास्थ्य में करीबी निगाह रखी जा रही है। डॉक्टरों, नसरे और टेक्नीशियन समेत स्वास्थ्य सेवा में लगे करीब 30 लोगों से यह कहा गया है कि जो मरीजों के संपर्क में आए हैं वह 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में चले जाएं। पांच दिनों के बाद उनके सैंपल टेस्ट के लिए लिए जाएंगे।

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