राष्ट्रपति द्वारा बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित होगीं 13 वर्षीय परीकुल भारद्वाज

हिमालय और उच्च शिखरों पर जोखिम उठा कर सामाजिक कार्यो में निभाई अहम भूमिका

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भारत चौहान नई दिल्ली , गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर बाल शौर्य परेड में दिल्ली की परीकुल भी शामिल होगीं। उच्च शिखरों पर विषय परिस्थितियों में जोखिम उठाकर लोगों को चिकित्सीय सेवा पहुंचाने वाली परीकुल भारद्वाज को बाल शक्ति पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया जाएगा। 13 साल की कम आयु में परिकुल ने पहाड़ों की ऊंचाइयों पर सेवार्थ कार्य किए हैं। बेहद कम उम्र में सामाजिक सरोकारों को निभाने के लिए परिकुल को यह सम्मान राष्ट्रपति प्रदान करेंगे।
दिल्ली के माउंड सेंट मैरी स्कूल, दिल्ली कैंट की कक्षा नौं की छात्रा परीकुल भारद्वाज पर्वतों पर लोगों की जान बचाने की मुहिम में बीते तीन साल से जुटी है। हिमालय के शिखरों पर दी जाने वाली नि:स्वार्थ सेवाओं का परिकुल एक जीवंत उदाहरण है। इतनी ऊंचाइयों पर अपनी समाज सेवी गतिविधियों से समाज हित योगदान देने वाली, लोगों की जान बचाने के लिए कार्य करने वाली सबसे कम आयु की पहली युवती हैं। समाज के प्रति असाधारण, साहस, बहादुरी, जुनून, समर्पित सेवा भाव और प्रतिबद्धता के लिए परिकुल को शक्ति पुरस्कार 2020 के लिए चयनित किया गया है। परिकुल ने वर्ष 2017, 2018 व 2019 में लगातार तीन वर्षो तक अपने ग्रीष्मावकाश के दौरान हिमालय की ऊंची चोटियों पर नि:स्वार्थ रूप से प्रतिवर्ष 45 दिनों तक केदारनाथ के दर्शन लिए आए तीर्थ यात्रियों की 14 हजार फीट पर 7 डिग्री

तापमान में अथक सेवा प्रदान करती हैं।
दो जून 2019 में उच्च शिखरों पर परिकुल भारद्वाज ने 14 हजार फीट की ऊंचाई पर अचानक बर्फीली हवाओं के चलते हताहत और अचानक बीमार पड़ने वाले पीड़ितों की जान बचाकर ऐसा साहसिक कार्य किया जिसपर सम्पूर्ण भारतवर्ष को उनपर गर्व है।

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