मूर्ति स्थापन के साथ ही 10 दिवसीय गणोशोत्सव शुरू – भक्त बप्पा को नहीं चढ़ा पाए मोदक और लडडू, सिर्फ पुजारी ने लगाया भोग

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भारत चौहान नई दिल्ली, राजधानी में मूर्ति स्थापन के साथ ही विघ्नहर्ता, निर्विघ्नकर्ता गणोश जी मूर्ति स्थापना के साथ ही दस दिवसीय गणोशोत्सव विधि विधान से प्रारंभ हुआ। प्रसिद्ध कालका जी मंदिर में शनिवार को गणोश चतुर्थी के अवसर पर गणपति स्थापित किए और भगवान गणोश की प्रतिमा को फूलमालाओं से सजाया गया। हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए गणपति उत्सव बड़ी सादगी के साथ मनाया गया। कालका जी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि हमारी पुरानी मानताओं के अनुसार गणोश चतुर्थी के दिन भगवान गणोश जी का जन्म हुआ था इसलिए गणोश चतुर्थी के दिन से लगातार 10 दिन तक गणोश उत्सव मनाया जाता है। वैसे तो गणपति की पूजा सनातन संस्कृति के अनुसर किसी भी पूजा से पहले गणपति को मनाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। महाराष्ट में इस उत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस बार कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट में भी भव्य पंडाल नहीं लगाए गए। महंत परिसर कालकाजी मंदिर में भी बड़ी सादगी के साथ गणोश उत्सव मनाया गया। मंत्रोउच्चारण के साथ गणोश जी की पूजा की गई और कोरोना को देखते हुए डब्बा पैक प्रसाद वितरण किया गया।
वैदिक मंत्रोच्चारणों के साथ दसवां श्री गणोश महोत्सव का भव्य आयोजन चूडीवालान में किया गया।1 मंदिर शिवाला में गणपति महाराज की प्रतिमा स्थापित की गई। बाबा के भक्तों की टीम अजय भाई त्रिवेणी, सुमन कुमार ने महाआरती पूजन किया। कोरोना महामारी काल में दिसल्ली सरकार की एडवाइजरी के मद्देनजर सुबह शाम ही आरती होगी। बद्री भगत झंडेवाला देवी मंदिर में गणोश जी के बाल स्वरूप का विविध रूपों में निर्मित मूर्तियों की स्थापना हुई। श्री गणोश सेवा मंडल दिल्ली लक्ष्मी नगर की ओर से यहां लवली पब्लिक स्कूल परिसर में मंगल मूर्ति स्थापना से दिल्ली का महाराजा 19वें उत्सव की शुरुआत हुई। मंडल के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र लाडा ने पूजन किया।

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